राम मंदिर की पहली वर्षगांठ: 11 जनवरी को देशभर के 170 संत-धर्माचार्य होंगे शामिल, सीएम योगी करेंगे अभिषेक

    रामलला प्राण प्रतिष्ठा की वर्षगांठ
    अयोध्या के राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ का आयोजन 11 से 13 जनवरी 2025 के बीच किया जाएगा। इस खास मौके पर “प्रतिष्ठा द्वादशी” के रूप में तीन दिवसीय आयोजन किया जा रहा है। आयोजन की शुरुआत 11 जनवरी को होगी, जब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रामलला का अभिषेक करेंगे।

    सीएम योगी की अयोध्या यात्रा
    सीएम योगी 11 जनवरी को सुबह 11 बजे रामलला का अभिषेक करेंगे। इस अवसर पर वे लगभग सात घंटे अयोध्या में रहेंगे। इस कार्यक्रम में देशभर के 170 प्रमुख संत और धर्माचार्य विशेष अतिथि के रूप में शामिल होंगे। इसके अलावा अयोध्या के 37 जातीय मंदिरों के संत-महंतों को भी आमंत्रित किया गया है।

    तीन दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रम
    श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान बताया कि इस आयोजन में उत्तराखंड, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश से प्रमुख संत और धर्माचार्य भाग लेंगे।
    तीन दिनों तक चलने वाले इस भव्य आयोजन में संगीत और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का भी आयोजन किया गया है। इनमें उषा मंगेशकर, कुमार विश्वास, मालिनी अवस्थी, अनुराधा पौड़वाल, कविता पौड़वाल और स्वाति मिश्रा अपनी प्रस्तुति देंगे। कथक नृत्यांगना शोभना नारायण और कथा वाचक रमेश भाई ओझा भी इस कार्यक्रम की शोभा बढ़ाएंगे।

    भव्य कलश यात्रा का आयोजन
    राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ के उपलक्ष्य में क्षेत्र के घटौली गांव में श्रीराम कथा का आयोजन किया जा रहा है। पांच जनवरी से शुरू हुई इस कथा के जनजागरण के लिए रविवार को भव्य कलश यात्रा निकाली गई। इस यात्रा का नेतृत्व कथा प्रवाचक कमलेश मिश्र ने किया।
    कलश यात्रा कथा पंडाल से प्रारंभ होकर तीन किलोमीटर की दूरी तय करते हुए आस्तीक आश्रम जन्मेजय कुंड पहुंची, जहां कलश में जल भरा गया। इसके बाद यात्रा वापस कथा पंडाल पहुंची। इस आयोजन में विधायक रामचंद्र यादव और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

    आयोजन का महत्व
    रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की वर्षगांठ न केवल एक धार्मिक उत्सव है, बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक धरोहर और एकता का प्रतीक भी है। यह आयोजन अयोध्या के आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व को और अधिक समृद्ध करेगा।

    आइए, इस अवसर पर Astrologic के साथ रामलला की भक्ति और श्रद्धा में शामिल हों और इस ऐतिहासिक आयोजन को यादगार बनाएं।

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